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Updated April 16th, 2019 at 16:30 IST

लोकसभा चुनाव 2019: शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा समाजवादी पार्टी में हुईं शामिल

लखनऊ में गठबंधन के अलावा कांग्रेस ने अभी तक(खबर लिखे जाने तक) कोई प्रत्याशी नही उतारा है जबकि नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन 18 अप्रैल है ।

Reported by: Neeraj Chouhan
Pic Credit- Samajwadi Party/ Twitter
Pic Credit- Samajwadi Party/ Twitter | Image:self
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बॉलीवुड अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा मंगलवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गयीं। सपा के आधिकारिक ट्वीट में कहा गया कि पूनम सिन्हा सपा नेता डिम्पल यादव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गयीं।

इस बीच पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूनम के लखनऊ सीट से केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की संभावना है।

नवाबों की नगरी लखनऊ पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराने के उद्देश्य से लखनऊ के वर्तमान सांसद राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपना पर्चा भरा ।

लखनऊ लोकसभा सीट का इतिहास 

नवाबों की इस नगरी पर पिछले 28 सालों से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है ।1991, 1996,1998,1999 और 2004 के लोकसभा चुनावों में अदब, तहजीब और नफासत की इस नगरी की सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का कब्जा रहा । 2009 में अटल के खास रहे लाल जी टंडन इस सीट पर जीते । इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह ने इस सीट पर किस्मत आजमायी और भारी मतों से चुनाव जीते । इस बार 2019 में फिर राजनाथ सिंह भाजपा के टिकट पर यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं ।
 
लखनऊ में गठबंधन के अलावा कांग्रेस ने अभी तक(खबर लिखे जाने तक) कोई प्रत्याशी नही उतारा है जबकि नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन 18 अप्रैल है ।
 
लखनऊ की जड़ों से जुड़ने वालों को शहर के लोगों ने सिर आंखों पर बैठाया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इसकी मिसाल हैं।
 
पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बॉलिवुड अभिनेता जावेद जाफरी (मशहूर कामेडियन जगदीप के बेटे) को मैदान में उतारा था। भाजपा के राजनाथ सिंह के सामने जाफरी ने खासी मशक्कत की और उनके समर्थन में कई फिल्मी हस्तियों ने प्रचार भी किया लेकिन लखनऊ ने उन्हें तवज्जो नहीं दी। जावेद की जमानत जब्त हो गई और उन्हें पांचवें स्थान पर संतोष करना पड़ा। उस हार का असर यह हुआ कि जाफरी वापस लखनऊ की राजनीति में लौटे ही नहीं।
 
2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह (भाजपा) को 5,61,106 वोट ,रीता बहुगुणा जोशी (कांग्रेस)को 2,88,357 वोट,नकुल दुबे (बसपा) को 64,449 वोट,अभिषेक मिश्रा (सपा)को 56,771 वोट और अभिनेता जावेद जाफरी (आप) को 41,429 वोट मिले।
 
मिस इंडिया रहीं नफीसा अली को भले ही पूरा देश जानता है लेकिन सेलिब्रेटी का चमकता ताज लेकर जब नफीसा 2009 में लखनऊ से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरीं तो उनकी सभाओं में खूब भीड़ उमड़ी। उन्होंने शहर से कई वायदे किए। लेकिन लखनऊ की जनता ने नफीसा के स्टारडम को भाव नहीं दिया। उन्हें चुनाव में चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। अटल जी की खड़ाऊ लेकर उतरे भाजपा के लालजी टंडन के सामने वह कहीं भी टिक न सकीं और टंडन इस सीट से विजयी रहे ।
 
वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी भी निर्दलीय चुनाव लड़कर लखनऊ में राजनीति करने उतरे थे। लखनऊ के लोगों ने उनको अटल बिहारी बाजपेयी के मुकाबले तकरीबन पौने तीन लाख वोटों से हराकर वापस भेज दिया था। उसके बाद से राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने के लिए राम जेठमलानी कभी लखनऊ नहीं लौटे।
 
कश्मीर के राजशाही घराने से ताल्लुक रखने वाले और दिग्गज कांग्रेसी नेता डॉ. कर्ण सिंह ने 1999 में लखनऊ की राजनीतिक जमीन को कर्मभूमि बनाने की सोची। चुनाव भी लड़ा लेकिन लखनऊ के वोटर ने डॉ. सिंह को सवा लाख मतों से हराकर वापस कर दिया ।
 
उमराव जान जैसी मशहूर फिल्म बनाने वाले और कोटवारा स्टेट के राजशाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले मुजफ्फर अली 1998 के चुनाव में अटल के मुकाबले समाजवादी पार्टी के झंडे तले चुनाव लड़ने उतरे लेकिन दो लाख से ज्यादा वोटों से हारे।
 
वर्तमान में उप्र कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व फिल्म स्टार राज बब्बर जब 1996 में लखनऊ में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने आए थे वह तब भी फिल्मी दुनिया में अच्छे मुकाम पर थे। लेकिन जब वोट पड़े तो राजबब्बर सवा लाख वोटों से हार गए थे।
 
1957 से अब तक संसद में लखनऊ का प्रतिनिधित्व कर चुके नेताओं में पुलिन बिहारी बैनर्जी 1957-62, बीके धवन 1962-67, आनंद नारायण मुल्ला 1967-71, शीला कौल 1971-77, हेमवती नंदन बहुगुणा 1977-80, शीला कौल 1980-84, शीला कौल 1984-89, मांधाता सिंह 1989-91, अटल बिहारी वाजपेई 1991-2009, लालजी टंडन 2009-2014, और राजनाथ सिंह 2014 से अब तक हैं । 

(इनपुट- भाषा)

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Published April 16th, 2019 at 16:28 IST

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