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Updated April 7th, 2019 at 22:28 IST

मुसलमानों से वोट मांग घिरीं मायावती, चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के देवबंद में बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावी भाषण में मुसलमानों से सपा-बसपा गठबंधन के लिए वोट करने का आह्वान किया।

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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उत्तर प्रदेश के देवबंद में बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनावी भाषण में मुसलमानों से सपा-बसपा गठबंधन के लिए वोट करने का आह्वान किया। यह चुनाव आयोग के घेरे में आ गया है। यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मायावती के भाषण का संज्ञान लिया है,जहां उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं से बसपा-सपा गठबंधन के लिए वोट करने की अपील की है।

मायावती ने मुस्लिम मतदाताओं से आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस नहीं बल्कि सिर्फ महागठबंधन ही भाजपा से लड़ सकता है। कांग्रेस ने महागठबंधन को हराने के लिए ही अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। अगर भाजपा को हराना है तो मुस्लिम बिरादरी के सभी लोग अपना वोट बांटने के बजाय महागठबंधन को एकतरफा वोट दें।

वहीं इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिमी यूपी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा  'अब जात -पात और धर्म की राजनीति को छोड़ने का समय आ गया  है। देश को अगर मजबूत बनाना है तो आर्थिक विकास प्रगती की हम बात करें । रोजी रोटी की हम बात करें । मोदी जी की सरकार ने लोगों को रोजी -रोटी छीनी है और जो वातावरण तैयार किया है उस वातावरण को बदल के कुशासन की सरकार को निकाल कर सुशासन की सरकार हम लाएगें। 

बता दें बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। कहा कि कांग्रेस अपनी गलत नीतियों की वजह से हारी। यह हालत बीजेपी की होगी। इस बार सत्ता से बाहर होंगे। इस बार चौकीदारी का नाटक भी नहीं बचा पाएगा। चाहे कितनी भी ताकत न लगा लें।  

देवबन्द की यह रैली जामिया तिब्बिया मेडिकल कॉलेज के पास आयोजित की गई है। ' यह पहली बार हुआ कि गठबंधन की तीनों पार्टियों के प्रमुख नेता एक ही मंच पर मौजूद थे।  इस रैली में मायावती , अखिलेश यादव , अजित सिंह और जयंत चौधरी ने भाषण दिया. 

मायावती ने आगे कहा कि हमें मौका मिला तो किसनों का कोई बकाया नहीं रहेगा। दलितों , पिछड़ो और आदिवासियों का आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है। पहले कांग्रेस और अब बीजेपी की सरकार में इन वर्गों को प्राइवेट नौकरी में आरक्षण देने के बजाय सारे काम धन्ना सेठों को दिए जा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से बेरोजगारी बढ़ी है।  देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है।

बसपा प्रमुख ने कहा कि मेरी पार्टी घोषणापत्र से ज्यादा काम में विश्वास रखती है। ये सब जानते है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों को लुभाने के लिए 6 हजार रुपये प्रतिमाह देने की बात कही है, इससे गरीबी दूर होने वाली नहीं है. अगर हमारी सरकार बनती है तो सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी।

बता दें चुनाव आयोग के अनुसार राजनीतिक दल धर्म के आधार पर वोट नहीं मांग सकते। आचार सहिंता तोड़ने पर आयोग कार्रवाई भी कर सकता है। जरूरी होने पर आयोग मुकदमा दर्ज भी करा सकता है।


 

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Published April 7th, 2019 at 22:26 IST

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