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Updated May 15th, 2019 at 21:05 IST

चुनाव आयोग का बड़ा फैसला - बंगाल में रैली,सभा और रोड शो पर लगेगी रोक ; मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर भी हटाए गए

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में हिंसा के दौरान ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति को खंडित किए जाने पर सख्त नाराजगी जताई है।

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान से पहले पश्चिम बंगाल की राजनीति अपने चरम पर हैं। लेकिन मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा ने पूरे देश का ध्यान अपनी और खींचा।

लेकिन चुनावी हिंसा के इस सिलसिले को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने आज बहुत बड़ी कार्रवाई की है। पहली बार संविधान की धारा 324 का इस्तेमाल करते हुए चुनाव प्रचार का समय घटा दिया है और पश्चिम बंगाल के कई बड़े अधिकारियों की भी छुट्टी कर दी है।

लेकिन चुनाव आयोग को इतना बड़ा फैसला लेना क्यों पड़ा। इसके पीछे की वजह भी आपको जाननी चाहिए। दरअसल कल यानी 14 मई को अमित शाह के रोड शो के दौरान जबरदस्त हिंसा हुई थी और आज हमारे पास इसी हिंसा से जुड़े 100 ऐसे सबूत हैं जिसे ममता बनर्जी झुठला नहीं सकती। इससे पहले, चुनाव प्रचार परसों रात 10 बजे तक होना था। क्योंकि, वोटिंग 19 मई को होनी है।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में हिंसा के दौरान ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति को खंडित किए जाने पर सख्त नाराजगी जताई है।

चुनाव आयोग ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी करते हुये कहा कि पश्चिम बंगाल में 16 मई को रात दस बजे से हर प्रकार का प्रचार अभियान प्रतिबंधित हो जायेगा। उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो।

इतना ही नहीं, आयोग ने लंबी बैठक के बाद पश्चिम बंगाल प्रशासन के आला-अधिकारियों पर भी सख्त कारर्वाई की है। चुनाव आयोग ने पश्विम बंगाल के गृह सचिव को भी सेवा मुक्त कर, राज्य के मुख्य सचिव को गृह सचिव की जिम्मेदारी सौंपने का आदेश दिया है।  साथ ही, पुलिस महानिदेशक पर भी कार्रवाई की गई है।
 
दरअसल, 14 मई को कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान हमला किया गया था और बीजेपी ने इस हिंसा के लिए राज्य में सत्ताधारी पार्टी टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया था।  जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। इस हमले के बाद अमित शाह ने कहा था कि अगर सीआरपीएफ उनके साथ नहीं होती। तो उनका बचना मुश्किल था।

बता दें, पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में 19 मई को आखिरी चरण का मतदान होना है। 19 मई को 8 राज्यों की 59 सीटों पर वोटिंग होनी है। जिसमें, पश्चिम बंगाल की 9 सीटें शामिल हैं।  

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Published May 15th, 2019 at 21:05 IST

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