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Updated April 2nd, 2019 at 15:37 IST

कांग्रेस मेनिफेस्टो : राजद्रोह के साथ AFSPA का भी संशोधन करने का वादा, जानिए क्या है “अफस्पा” कानून?

जहां अफस्पा लागू होता है, वहां सशस्त्र बलों के अधिकार को जबरदस्त ताकत दी जाती हैं । चेतावनी के बाद, यदि कोई व्यक्ति कानून तोड़ता है, अशांति फैलाता है।

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस घोषणा पत्र को कांग्रेस पार्टी ने जनआवाम का नाम दिया है। और इसके मुख्यपृष्ठ पर लिखा है 'हम निभाएंगे।' कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में 2 ऐसे वायदे किए हैं जिसको लेकर विवाद पैदा हो गया है। पार्टी ने अपनी चुनाव घोषणा पत्र में कहा है कि उनकी सरकार बनने पर AFSPA कानून का संशोधन होगा और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 A को खत्म किया जाएगा।

बता दें मौजूदा समय में केंद्र सरकार ने AFSPA एक्ट जम्मू-कश्मीर में लागू किया हुआ है और इस एक्ट की वजह से जम्मू-कश्मीर में सेना को कार्रवाई के विशेष अधिकार मिले हुए हैं। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वह सुरक्षा बलों और नागरिकों के मानव अधिकारों की शक्तियों को संतुलित करने के लिए इस कानून में संशोधन करेगी। अगर इस घोषणा पत्र को ध्यान से पढ़ा जाए तो कांग्रेस ने AFSPA को कमज़ोर करने की तैयारी कर ली है। 

कांग्रेस के मैनिफेस्टो में इस बात का जिक्र है कि वो जम्मू-कश्मीर जैसे अशांत इलाकों में सशस्त्र बलों को विशेष अधिकार देने वाले इस कानून में बदलाव लाएगी। हांलाकि कांग्रेस इसे मानवाधिकार की रक्षा का नाम दे रही है..इसके अलावा कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर से सीआरपीएफ और सेना की संख्या में कमी लाने की बात भी कही है । कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कहा है कि वह इस कानून को खत्म कर देगी क्योंकि इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है और बाद में आए कानूनों की वजह से यह बेकार भी हो गया है।  

क्या हैं आफस्पा

यह कानून 11 सितंबर 1958 को पारित हुआ है। इसके तहत सैन्य बलों को विशेष अधिकार प्राप्त है। यह 1990 से जम्मू- कश्मीर में लागू है।  यह कश्मीर जैसे अशांत इलाकों में कारगर कानून है। इसके तहत तलाशी लेने और गिरफ्तार करने की शक्ति है। 

जहां अफस्पा लागू होता है , वहां सशस्त्र बलों के अधिकार को जबरदस्त ताकत दी जाती हैं । चेतावनी के बाद, यदि कोई व्यक्ति कानून तोड़ता है, अशांति फैलाता है, तो उस पर मृत्यु तक बाल का प्रयोग कर दिया जा सकता है। किसी आश्रय स्थल या ढांचे को तबाह किया जा सकता है जहां से हथियार बंद हमले का अंदेशा हो। 

इस कानून के तहक किसी भी असंदिग्ध व्यक्ति को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है। गिरफ्तारी के दौरान उनके द्वारा किसी भी तरह की शक्ति का इस्तेमाल किाय जा सकता है। बिना वारंट किसी के घर के अंदर जाकर उसकी तलाशी ली जा सकती है। इसके लिए जरूरी बल का इस्तेमाल किया जा सकता है। वाहन को रोक कर तलाशी ली जा सकती है।  
 

 

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Published April 2nd, 2019 at 15:37 IST

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