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Updated September 12th, 2018 at 12:51 IST

अनुच्छेद 35A : कांग्रेसी नेता जीए मीर बोले, 'मोदी सरकार बताएं कि वो जम्मू- कश्मीर में चुनाव चाहती है या सिर्फ एक चीज'

बता दें, इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी केंद्र सरकार से  35A और अनुच्छेद 370 को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था. 

Reported by: Neeraj Chouhan
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जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 को लेकर राज्य की राजनीति इन दिनों अपने उफान पर है. सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35A को चुनौती दी गई है और फिलहाल मामला विचारधीन है. लेकिन राज्य के प्रमुख दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने विरोध के सुर को तेज करते हुए इस महीने के आखिर में होने वाले निकाय और पंचायत चुनावों का बहिष्कार का ऐलान कर दिया था. 

इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने भी मतदान की घोषणा को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रमुख गुलाम अहमद मीर ने बुधवार को संवादताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में बिना जमीनी स्थिति जाने बगैर मतदान घोषित किया गया था. केंद्र सरकार और प्रशासन को जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने अपना स्टैंड साफ़ करना चाहिए कि क्या वे चुनाव करना चाहते हैं या यह सिर्फ एक चीज है.

बता दें, इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी केंद्र सरकार से  35A और अनुच्छेद 370 को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था. पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी क्योंकि मौजूदा हालात अनुकूल नहीं हैं. 

मुफ्ती ने श्रीनगर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम अनुच्छेद 35 ए को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे.’’  उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने बहुत कुर्बानी दी है और कोई अनुच्छेद 35 ए की वैधता से इनकार नहीं कर सकता.

वहीं कुछ दिन पहले ही नेशनल कान्फ्रेंस ने घोषणा की थी कि जब तक भारत सरकार और राज्य सरकार अनुच्छेद 35 ए पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करेगी और इसे बचाने के लिए अदालत में तथा अदालत के बाहर प्रभावी कदम नहीं उठाती, तब तक वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी और 2019 के चुनाव भी नहीं लड़ेगी.

बता दें, अनुच्छेद 35 ए और 370 को भारत के दूसरे राज्यों से जम्मू कश्मीर को काफी अलग रखता है. मसलन नुच्छेद 35 ए लोगों को जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों को स्थाई निवास करने से रोकता है, बाहरी लोगों के लिए राज्य में अचल संपत्ति खरीदने या स्वामित्व रखने पर भी पांबदी लगता है. इसके अलावा राज्य सरकार की नौकरियां पर भी प्रदेश के लोगों का एकधिकार को सुनिश्चित करता है. 

लिहाजा यह अनुच्छेद को लेकर जम्मू कश्मीर की राजनीति में खास गर्म है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 35 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए स्थागित कर दिया है. 

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Published September 12th, 2018 at 12:51 IST

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