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Updated December 13th, 2018 at 23:48 IST

CM के नाम का हुआ ऐलान, मध्यप्रदेश की कमान कमलनाथ के नाम..

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब CM की कुर्सी को लेकर भी फाइनल निर्णय हो चुका है. कमलनाथ को ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के किले पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहरा दिया है. ऐसे में काफी असमंजस के बाद मध्यप्रदेश के किले में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने नाम पर मुहर लगा दी है. अब हर किसी का इंतजार अब खत्म हो चुका है. हर कोई टक-टकी लगाए बैठा था. जिसके बाद अब तस्वीर सामने आ चुका है. कांग्रेस ने ये फैसला किया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ को ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब CM की कुर्सी को लेकर भी फाइनल निर्णय हो चुका है. मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कमलनाथ का नाम फाइनल हुआ है. चुनावी नतीजों में कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस के खाते सबसे ज्यादा सीटें गई. जिसके बाद कांग्रेस को 15 साल बाद यहां सरकार बनाने का मौका मिला है. लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर काफी देर तक सस्पेंस बना रहा जो अब खत्म हो गया है.

सीएम की कुर्सी के लिए फिलहाल कांग्रेस आलाकमान ने कोई घोषणा कर दी है. कमलनाथ का नाम सीएम की कुर्सी के लिए तय हो चुका है. हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में सीएम के सिंहासन के लिए कमलनाथ प्रबल दावेदार थे.

कमलनाथ का राजनीतिक सफर...

मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए रेस में जीत दर्ज करने वाले कमलनाथ को एक परफेक्ट राजनेता के तौर पर देखा जा रहा है. कमलनाथ कांग्रेस के काफी पुराने और कद्दावर नेता हैं. कमलनाथ पहली बार 1980 में कांग्रेस से सांसद बने थे. और साल 2014 में वो मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से 9वीं बार सांसद चुने गए हैं. इस दौरान कमलनाथ को 4 बार केंद्र सरकार में मंत्री चुना जा चुका है. 

कमलनाथ का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर में हुआ और उन्होंने अपनी पढ़ाई पश्चिम बंगाल के कोलकाता से की है. उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से B.Com की पढ़ाई की है. कमलनाथ पहली बार 1980 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. उसके बाद 1985, 1989, 1991 तक लगातार लोकसभा चुनाव जीतते रहे. 1991 में वो पहली बार केंद्रीय मंत्री बने.

1995 से 1996 के बीच भी वो केंद्रीय मंत्री रहे. इसके बाद 1998 में 12वीं लोकसभा और 1999 में तेरहवीं लोकसभा के लिए चुने गए. 2001 से 2004 तक वो कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रटरी भी रहे. 2004 के लोकसभा चुनाव में वो एक बार फिर सांसद चुने गए और 2004 से 2009 तक कैबिनेट मंत्री भी रहे. 2009 में वो 8वीं बार लोकसभा पहुंचे और कैबिनेट में शामिल हुए. 2012 में उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला.

कमलनाथ का नाम 1984 में हुए सिख दंगों में भी सामने आया था हालांकि कमलनाथ की संलिप्तता साबित नहीं हुई जिसके बाद उन्हें निर्दोष करार दे दिया गया था. कमलनाथ को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है. जो उनके सीएम बनने के लिए बड़ा फैक्टर साबित हुआ है. बताया जाता है कि कमलनाथ संजय गांधी के अच्छे दोस्त हुआ करते थे. 

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का 15 सालों तक चला वनवास खत्म हो चुका है. ऐसे में सीएम की गद्दी पर बैठने के लिए कमलनाथ के नाम पर मुहर लग गई है. 

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Published December 13th, 2018 at 23:25 IST

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