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Updated June 13th, 2021 at 10:32 IST

पंजाब की राजनीति में 25 साल बाद अकाली संग बीएसपी, AAP नेता का आरोप- 'PM मोदी ने करवाया अलायंस'

पंजाब में 25 साल बाद एक बार फिर अकाली दल और बीएसपी एक साथ है। आज अकाली दल ने बीएसपी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है।

Reported by: Digital Desk
| Image:self

 

पंजाब में 25 साल बाद एक बार फिर अकाली दल और बीएसपी एक साथ है। आज अकाली दल ने बीएसपी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है। अगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में बीएसपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो अकाली दल बाकी बचे 97 सीटों पर चुनाव लड़ेगी

अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं। मगर अभी से वहां चुनावी हवा तेज हो गई है। चंडीगढ़ में शिरोमणी अकाली दल और बीएसपी ने औपचारिक गठबंधन का ऐलान कर दिया।

 

पंजाब में जहां एक ओर कांग्रेस अंदरूनी कलह से जूझ रही है। वहीं दूसरी ओर उसकी प्रतिद्वंद्वी अकाली दल ने विधानसभा चुनाव से पहले मायावती से हाथ मिला लिया है। गठबंधन में तय हुआ है कि पंजाब की कुल 117 सीटों में से अकाली दल 97 सीटों पर लड़ेगी जबकि बीएसपी 20 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी।

आपको बता दें कि बीएसपी और अकाली दल के बीच ये पहली बार गठबंधन नहीं हुआ है। 25 साल पहले भी साल 1996 में भी दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन हुआ था। तब BSP के संस्थापक कांशीराम और प्रकाश सिंह बादल की दोस्ती ने पूरे पंजाब में क्लीन स्वीप किया था। अब एक बार फिर दोनों पार्टियों को ऐसे ही नतीजे की उम्मीद है।

 

SAD अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा SAD और BSP का ऐतिहासिक गठबंधन हुआ है। ये पहली भी एक बार हुआ था 1996 में जब प्रकाश सिंह बादल और कांशीराम की दोस्ती थी। दो ऐसी पार्टी है जिसकी सोच एक है पर पार्टी अलग थी। इसका बड़ा फायदा ये है कि वन प्लस वन दो नहीं बनता। ये वन प्लस वन ग्यारह बन जाता है। जब 1996 में गठबंधन हुआ था तब पूरे पंजाब में क्लीनस्वीप हुई थी। वैसी ही क्लीनस्वीप फिर से होगी।

 

पंजाब में इस गठबंधन के राजनीतिक मायने क्या हैं?

 

पंजाब की 32 फीसदी आबादी दलितों की है। दोआब इलाका यानि होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर और नवांशहर में  BSP मजबूत है। इस साल फरवरी में हुए नगर निकाय चुनाव में BSP ने 17 सीटों पर जीत हासिल की थी। खुद बीएसपी के संस्थापक कांशीराम भी पंजाब के होशियारपुर से आते थे। ऐसे में अकाली दल और बीएसपी की दोस्ती को सियासत के इस दौर में एक नए प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है। गठबंधन के बाद मायावती ने एक के बाद एक तीन ट्विट कर अमरिंदर सरकार पर निशाना साधा है

मायावती ने ट्विट कर लिखा- जाब में अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन एक नई राजनीतिक और सामाजिक पहल है जो राज्य में खुशहाली के नए युग की शुरुआत करेगा। पंजाब में समाज का हर तबका कांग्रेस पार्टी के शासन में गरीबी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिएअकाली दल-बीएसपी गठबंधन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी है।

 

उधर पंजाब में सरकार बनाने का सपना देख रही आम आदमी पार्टी के लिए अकाली दल और बीएसपी का गठबंधन किसी झटके से कम नहीं है। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि इस गठबंधन की स्क्रिप्ट पीएम मोदी ने लिखी है।

AAP नेता राघव चड्ढा ने कहा SAD+ BSP का गठबंधन बीजेपी के कहने पर हुआ। इस SCRIPT को मोदी जी ने लिका है ताकि पंजाब में आम आदमी खड़ा ना हो पाए। लेकिन पंजाब की जनता समझदार सियासी खेल समझती है।

आम आदमी पार्टी जिस तरह से तिलमिला गई है उससे लगता है कि पंजाब की चुनावी हवा में गठबंधन की गर्मी अभी से महसूस होने लगी है। कुल मिलाकर अकाली दल और बीएसपी के साथ आने से पंजाब का सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गया है।

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Published June 13th, 2021 at 10:28 IST

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