Updated September 5th, 2020 at 23:32 IST
बिहार BJP चुनाव प्रचार समिति की सूची जारी, रविशंकर प्रसाद को बनाया गया प्रमुख
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां कमर कस रही हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आज बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 'चुनाव प्रचार समिति' की अपनी ..
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां कमर कस रही हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आज बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 'चुनाव प्रचार समिति' की अपनी सूची जारी कर दी है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद करेंगे। वहीं 'चुनाव संचालन समिति' की अध्यक्षता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय करेंगे। जबकि 'चुनाव प्रबंधन समिति' का नेतृत्व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे करेंगे। चुनाव प्रचार में प्रमुख भूमिका निभाने वाले पूर्व महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस का नाम भाजपा द्वारा जारी की गई किसी भी सूची में शामिल नहीं है।
बता दें,14 अगस्त को सूत्रों ने रिपब्लिक टीवी को बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बिहार चुनाव अभियान का नेतृत्व करने की संभावना है। महाराष्ट्र चुनाव के बाद फडणवीस का नाम भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में रखा गया था। हालांकि पार्टी को फडणवीस की भूमिका के बारे में औपचारिक घोषणा करनी बाकी है, वह बिहार भाजपा की कई बैठकों में भाग लेते रहे हैं।
मिशन ‘घर वापसी’
शुक्रवार को, सूत्रों ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को बताया कि जदयू के वरिष्ठ नेता पूर्व पार्टी नेता शरद यादव के साथ बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने अपने नेताओं की 'घर वापसी' के लिए अभियान शुरू कर दिया है. इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) एनडीए में शामिल हो गई।
इसी तरह, राजद विधायक चंद्रिका राय - जो लालू यादव के करीबी दोस्त थे और तेजप्रताप यादव के ससुर, वरिष्ठ विधायक फ़राज़ फातमी, जयवर्धन यादव और तीन और विधायक राजद छोड़कर सत्तारूढ़ नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जदयू में शामिल हो गए।
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बिहार-चुनाव 2020
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच, बिहार अक्टूबर-नवंबर में 243 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। 2015 के विधानसभा चुनाव में सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू को 71 सीटें मिली थीं वहीं लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को 80 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत प्राप्त हुई थी। तीनों ही दलों ने मिलकर नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनायी थी। जबकि 2013 में 17 साल पुराने गठबंधन को तोड़कर अकेले चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को 157 में से मात्र 53 सीटें ही मिल पायी थीं। हालांकि, भगवा पार्टी सत्ता में एक बार फिर वापस आ गई जब कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी का हाथ थाम लिया।
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Published September 5th, 2020 at 23:32 IST
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