Updated July 17th, 2021 at 18:28 IST
शरद पवार ने PM मोदी को लिखा पत्र, “सहकारी बैंकिंग” क्षेत्र के विकास और चुनौतियों से कराया अवगत
पत्र के माध्यम से एनसीपी प्रमुख ने सहकारी बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े मुद्दे और उससे होने वाले विकास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया है।
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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल से एक पत्र साझा करते हुए जानकारी दी कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के विकास और चुनौतियों के बारे में अवगत कराया है। पत्र के माध्यम से एनसीपी प्रमुख ने सहकारी बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े मुद्दे और उससे होने वाले विकास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया है।
उन्होंने सहकारी बैंक के लिए 97वें संविधान संशोधन की ओर इशारा किया है।उनका मानना है कि इस संविधान संशोधन में कुछ विसंगतियां है, जिसके कारण सहकारी संगठन को काम करने में दबाव महसूस हो रहा है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिनियम के उद्देश्य बहुत ही बेहतर हैं। लेकिन सहकारी बैंकों का ‘सहकारी चरित्र’ कायम रखा जाना चाहिए, तभी यह बैंक किसानों और ग्रामीण मजदूरों की मदद करने के अपने मकसद में कामयाब हो पाएंगे।
बता दें कि शरद पवार सहकारी बैंक को प्राइवेट बैंक में बदलने का हमेशा से विरोध करते रहे हैं। वे हमेशा ही इस बात को भी रेखांकित करते रहे हैं कि सहकारी बैंकों में सरकार की दखलअंदाजी अधिक नहीं होनी चाहिए।
क्या है संविधान का 97वें संशोधन
संविधान के 97वें संशोधन को दिसंबर, 2011 में संसद ने पारित किया था और यह 15 फरवरी, 2012 से लागू हुआ था। देश में सहकारी समितियों के प्रबंधन से संबंधित मुद्दों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए यह संशोधन किया गया था।
बता दें कि पिछले साल भी शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहकारी बैंकों को सुदृढ़ करने के लिए एक चिट्ठी लिखी थी। उस पत्र में शरद पवार ने प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा था कि वह पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भाषण में सहकारी बैंकों का जिक्र किया है।
गौरतलब है कि अपने उस भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने जनमानस के हित को ध्यान में रखते हुए सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के अधीन लाने की बात कही थी। उस समय शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान की तारीफ भी की थी।
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बताते चलें कि शनिवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और प्रधानमंत्री की मुलाकात भी। हुई यह बैठक तकरीबन 1 घंटे तक चली। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। शिवसेना और कांग्रेस के बीच बयानबाजी भी देखने को मिली है। हालांकि एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि बैठक की जानकारी पहले ही कांग्रेस और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे को दे दी गई थी।
शरद पवार ने मीडिया के उस प्रश्न का भी खंडन किया जिसमें यह कहा गया कि वे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। पिछले दिन शरद पवार से बीजेपी के राज्यसभा नेता पीयूष गोयल और राजनाथ सिंह भी मिल चुके हैं। राजनीतिक गलियारों में इन मुलाकातों के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि एनसीपी ने इन सभी बातों का खंडन किया है।
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Published July 17th, 2021 at 18:27 IST
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