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Updated March 8th, 2020 at 18:50 IST

कोरोना के डर से व्यापारी संगठनों ने की पॉलीमर नोट की मांग

देश भर के व्यापारियों के संगठन कैट ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर मौजूदा कागज के नोटों से होने वाले संक्रमण की जांच की मांग की है।

Reported by: Gaurav Srivastav
प्रतीकात्मक तस्वीर/ pc-pti
प्रतीकात्मक तस्वीर/ pc-pti | Image:self
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देश भर के व्यापारियों के संगठन कैट ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर मौजूदा कागज के नोटों से होने वाले संक्रमण की जांच की मांग की है। कैट की ये मांग देश मे कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की बीच आयी है। संगठन का ऐसा मानना है कि करेंसी नोट अनगिनत लोगों के हाथ से होकर गुजरता है ऐसे में अगर किसी कोरोना से संक्रमित शख्स से आया वो नोट किसी को भी बीमार कर सकता है। ऐसे में कितनी सावधानी बरती जाए करेंसी के जरिए होने वाले संक्रमण को रोकना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसमें बैक्टीरिया होते हैं।

क्या है नोटों से संक्रमण की बड़ी वजह? 

इस मांग के पीछे ये बात भी ध्यान देने वाली है कि भारत में ज्यादातर लोग नोटों की आसानी से गिनती के लिए थूक का प्रयोग करते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग हाथ की स्वच्छता के बारे में ज्यादा परवाह नहीं करते हैं, जिससे किसी भी तरह के वायरस से उनके ग्रस्त होने का खतरा बना रहता है।

 

नोट से संक्रमण की पुष्टि करती हैं कई साइंस रिपोर्ट 

व्यापारी संगठन की इस मांग के पीछे कई साइंस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। जिनमें सबसे उल्लेखनीय 2016 में जर्नल ऑफ करंट माइक्रोबायोलॉजी और एप्लाइड साइंसेज में प्रकाशित एक रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु के तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट ने एक टेस्ट में पाया कि 120 करेंसी नोटों में से 86.4% रोग बीमारी का कारण बनते हैं। यही नहीं इन संक्रमित नोटों से क्लेबसिएला न्यूमोनिया, स्टैफिलोकोकस ऑरियस जैसी बीमारियां होती हैं। इन नोटों का सैम्पल डॉक्टर, बैंक कमर्चारियों, लोकल मार्किट, मांस व्यापारी, छात्रों और गृहिणियों से इकठ्ठा किया गया था । यहां तक कि डॉक्टरों से लिया गया सैम्पल तक संक्रमित निकला। 


पेपर की जगह पॉलीमर करेंसी लाए सरकार 

कैट ने सुझाव दिया है कि यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों ने मुद्रा के माध्यम से संक्रमण फैलने के जोखिम को कम करने के लिए अब पॉलीमर नोटों का प्रचलन शुरू किया है. इसलिए अब भारत में भी पॉलीमर नोटों के उपयोग की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भारतिया और राष्ट्रीय महामंत्री  श्री प्रवीन खंडेलवाल ने वित्त मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों को ही लिखे पत्र में ये भी सुझाव दिया है कि नकदी के इस्तेमाल की जगह डिजिटल ट्रांजेक्शन को और बढ़ावा दिया जाए।

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Published March 8th, 2020 at 18:50 IST

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