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Updated October 4th, 2018 at 15:54 IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली का ऐलान, '2.50 रुपये प्रति लीटर सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल...'

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हम राज्य सरकारों को लिख रहे हैं कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल दोनों पर 2.50 रुपये काट रही है, वो भी ऐसा करें..

Reported by: Neeraj Chouhan
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पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए आखिकार केंद्र सरकार ने तेल के ऊपर लगी एक्साइज ड्यूटी को कम करने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरूवार को मीडिया से बात करते हुए तेल के बढ़ते दामों से जनता को राहत देने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की. केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रूपये की कटौती का ऐलान किया है और साथ ही कहा कि तेल कंपनी अपनी तरफ से पेट्रोल डीजल पर प्रति लीटर 1 रूपये की कटौती करेंगी. 

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि हम राज्य सरकारों को लिख रहे हैं कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल दोनों पर 2.50 रुपये काट रही है, वो भी ऐसा करें.. उन्होंने कहा कि ब्रेंट क्रूड बुधवार को चार साल के उच्चतम स्तर 86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, अमेरिका में ब्याज दर सात साल के उच्च स्तर पर है.

बता दें, राज्य सरकार अगर केंद्र के मांग को मान लेती हैं तो  पेट्रोल और डीजल के दामों में 5 रूपये तक कटौती हो सकती है. लेकिन राज्य सरकार के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगी क्योंकि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा तेल पर लगने वाले टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में आता है.

अरूण जेटली ने कहा कि मुद्रास्फीति अभी चार प्रतिशत से कम, ऊंचे कर संग्रह से राजकोषीय घाटे के मोर्चे पर संतोषजनक स्थिति में है...

इससे पहले गुरुवार को भी इनके दामों में क्रमश: 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से चिंतित सरकार इसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर को रोकने के विकल्पों पर विचार कर रही है.

सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में बताया कि पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमश: 15 पैसे और 20 पैसे प्रति लीटर बढ़ाये गए हैं. इस वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल गुरूवार को 84 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल 75.45 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था. यह दोनों का सर्वकालिक उच्च स्तर है.

ईंधन के बढ़ते दाम से किसानों की पहले से बदहाल स्थिति और खराब होने की आशंका है. विशेषकर रबी फसलों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ने का अनुमान है. डीजल अभी रिकॉर्ड उच्च कीमत पर बेचा जा रहा है. यह कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है. खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर से लेकर सिंचाई के पंपसेट तक डीजल से ही चलते हैं. अत: डीजल के महंगा होने से किसानों पर इसका असर पड़ना अवश्यंभावी है.

 

 

 

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Published October 4th, 2018 at 15:45 IST

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