Updated January 18th, 2022 at 18:52 IST
Dewas Antrix Deal: वित्त मंत्री ने किया SC के फैसले का स्वागत, कहा- ‘UPA सरकार की नाक के नीचे हुई धोखाधड़ी’
Dewas Antrix Deal: यूपीए शासनकाल में शुरू हुई देवास-एंट्रिक्स सौदे पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।
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Dewas Antrix Deal : यूपीए शासनकाल में शुरू हुई देवास-एंट्रिक्स सौदे पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सोमवार 17 जनवरी को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कंपनी के मान्यता रद्द पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दी है। इसी कड़ी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है और कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला है। एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की नाक के नीचे धोखाधड़ी की गई थी। उन्होंने कांग्रेस से जवाब मांगते हुए कहा कि पार्टी को 'क्रोनी कैपिटलिस्टों के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं' है, जब उनके कार्यकाल में इस हद तक की धोखाधड़ी खुले आम की गई थी।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, मैं देवास-एंट्रिक्स मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बात करना चाहती हूं। सुप्रीम कोर्ट ने व्यापक आदेश दिया है। UPA(संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) ने 2011 में यह सौदा रद्द कर दिया था। यह धोखाधड़ी का सौदा था। 2011 में जब इसे रद्द किया गया तब देवास अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में चला गया। भारत सरकार ने मध्यस्थता के लिए नियुक्ति नहीं की, 21 दिनों के भीतर मध्यस्थता के लिए नियुक्ति के लिए कहा गया, लेकिन सरकार ने नियुक्ति नहीं की।”
निर्मला सीतारमण ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "प्राथमिक दानों की इस तरह की बिक्री, इसे निजी पार्टियों को देना कांग्रेस सरकारों की एक विशेषता है, यह एक अपमानजनक मामला है। यह भारत के लोगों के साथ धोखाधड़ी थी, देश के खिलाफ धोखाधड़ी थी। उन्होंने राष्ट्रीय हित और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में भी नहीं सोचा। यह एक निंदनीय समझौता था, मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया है।
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'मास्टर गेम के खिलाड़ी हैं कांग्रेस' : सीतारमण
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि किस तरह से 'कांग्रेस पार्टी के छोटे-मोटे साथियों' द्वारा धोखाधड़ी की गई और बाद में मामले में न्याय दिलाने के लिए आधे-अधूरे प्रयास' किए गए। पूरे मामले पर कांग्रेस को जवाबदेही ठहराते हुए उन्होंने कहा, "भारत के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी कैसे की गई। इसमें मास्टर गेम खिलाड़ी कांग्रेस हैं और इस सुप्रीम कोर्ट आदेश के साथ हम इसे देख पा रहे हैं। अब यह कैबिनेट को अंधेरे में कैसे रखा गया, इसका जवाब देने की कांग्रेस की बारी होनी चाहिए। उन्हें क्रोनी कैपिटलिज्म के बारे में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं होना चाहिए।"
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देवास मल्टीमीडिया को बंद करने के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, "यह एक बड़े पैमाने पर की गई धोखाधड़ी का मामला है।
क्या है देवास-एंट्रिक्स डील
ये मामला साल 2005 का है, जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation(ISRO) और देवास मल्टीमीडिया के बीच एक डील हुई थी जिसमें इसरो द्वारा देवास मल्टीमीडिया के लिए 2 सैटेलाइट लॉन्च किये जाने थे। ये सैटेलाइट टेलीकॉम सेक्टर के लिए लॉन्च किये जाने थे जो काफी कम फ्रीक्वेंसी पर लॉन्च होने थे जिससे कंपनी को बहुत कम टॉवर लगाने की जरूरत पड़ती। इसे एक बड़ी फ्रीक्वेंसी जगत में क्रांति लाने के विजन से शुरू किया था, लेकिन ये सौदा सीबीआई जांच के तहत धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले के रूप में समाप्त हो गया हो गया।
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Published January 18th, 2022 at 18:52 IST
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