Updated September 21st, 2018 at 18:46 IST
पूर्णिया रिमांड होम डबल मर्डर केस में बड़ा खुलासा, घटना से महज़ तीन घंटे पहले मुलाकाती ने पहुंचा था लोडेड पिस्तौल
रिमांड होम में देर शाम घटी घटना से महज तीन घंटे पहले ही एक मुलाकाती ने सुधार गृह के अंदर हथियार पहुंचाए थे
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बिहार के पूर्णिया में नशाखोरी रोकने पर रिमांड होम में बाल कैदियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर एक बाल कैदी और हाउस फादर को मार डाला. इसके बाद हवाई फायरिंग करते हुए पांच बाल कैदी फरार हो गए. अब इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
रिमांड होम में देर शाम घटी घटना से महज तीन घंटे पहले ही एक मुलाकाती ने सुधार गृह के अंदर हथियार पहुंचाए थे. पुलिस को इसकी जानकारी बास सुधार गृह के बाल कैदियों ने दिया है.
इन बाल कैदियों ने बताया कि बुधवार को लगभग ढाई बजे फरार होने वाले पांच कैदीयों में से एक बाल कैदी से मिलने एक मुलाकाती आया था. इस मुलाकाती ने काला पैंट और लाल शर्ट पहन रखी थी. उसके हाथ में पालिथीन में लिपटा हुआ एक हथियार था. उसने यह पालिथीन एक बाल कैदी को दे दी. इसके बाद ही बाल कैदियों ने यहां अंधाधुंध फायरिंक कर घटना को अंजाम दिया.
वहीं जांच के बाद पता चला है कि मुलाकाती का नाम-पता रिमांड होम की पंजी में दर्ज नहीं था. बाल कैदियों ने पुलिस के आगे बताया क पांचों कैदी कुछ दिनों से लगातार किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने की धमकी दे रहे थे, लेकिन रिमांड होम के अधिकारी से लेकर सुरक्षा पर तैनात जवान तक बेपरवाह थे.
इधर घटना से पहले पांचों कैदियों ने सीसीटीवी कैमरे को खराब कर दिया था. इस वजह से हथियार पहुंचाने वाले मुलाकाती की पहचान पुलिस के मुश्किल साबित हो रही हैं.
वहीं हत्या के बाद पांचों बाल कैदी चार पहिया वाहन से फरार हो गये. ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी घटना सिर्फ एक दिन की प्लानिंग की उपज नहीं हो सकती है. निश्चित तौर से इसके लिए साजिश का ताना पहले ही बुना गया लेकिन इसकी भनक तक सुधार गृह के कर्मियों को नहीं ली. वहां रह रहे बाल कैदियों ने भी बताया कि उन लोगों का अलग गुट था और कई दिनों से किसी को मारने की बात कर रहे थे.
वहीं रिमांड होम में नसे का सामान कफ सीरप वगैरह नियमित रुप से पहुंच रहा था. इसकी भनक बहुत देर बाद रिमांड होम के प्रशासन तक पहुंची.
इस घटना के बाद साफ जाहिर होता है कि साजिश के तहत की हाउस के अंदर पिस्तौल पहुंचाया गया और पांच कैदियों को भागने के लिए वाहन भी उपलब्ध कराया गया. ऐसे में एक बार फिर बिहार में रिमांड हो की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं.
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Published September 21st, 2018 at 18:46 IST
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