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Updated April 17th, 2020 at 10:24 IST

पंजाब की जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल, कैदियों को किया गया अलग-अलग जेलों में स्थानांतरित

उन्होंने बताया कि बरनाला जिला जेल में अब तक बंद 303 कैदी बैंड थे और उसमें से 203 कैदियों को जिला जेल बठिंडा और 100 कैदियों को नई नाभा जेल में स्थानांतरित किया गया है।

Reported by: Amit Bhardwaj
| Image:self
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कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए जेलों में बंद कैदियों को सोशल डिस्टेंसिंग में रखने के चलते सभी को अलग-अलग स्थानों पर रखने के लिए पंजाब सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम बरनाला और पट्टी की जिला जेलों में उठाया जा रहा है। बरनाला की जिला जेल में कोरोना वायरस के चलते पहली बार जेल को पूरी तरह से खाली करवा लिया गया है। जानकारी के मुताबिक जेल में बंद 303 कैदियों में से 203 कैदियों को बठिंडा की जिला जेल में शिफ्ट किया गया है और 100 कैदियों को पटियाला के पास नाभा की नई जेल में भेजा गया है। पूरे पंजाब में 2 जिला जेलों को खाली करवाया गया है जिसमे बरनाला और पट्टी की छोटी जेल शामिल है। 

पंजाब के माझा और दोआबा के पूरे क्षेत्रों से आने वाले नए कैदियों को कोरोना वायरस की पूरी जांच होने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए पट्टी स्तिथ जेल में रखा जाएगा और पंजाब के पुरे मालवा क्षेत्र के सभी नए कैदियों को बरनाला जिला जेल में भेज दिया जाएगा। यह पूरी शिफ्टिंग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने और कैदियों को कोरोना संक्रमण से दूर रखने के चलते की गई है।

बरनाला जेल के सुपरिंटेंडेंट बलबीर सिंह ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस के चलते पंजाब की जेलों में नए और पुराने कैदीयों की सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पा रही थी और साथ ही उनकी पूरी जांच भी होनी थी जिससे जेल में कोई नया संकृमित व्यक्ति बाकी लोगों को यह संक्रमण न दे दे। इसलिए पंजाब सरकार ने पंजाब की 2 जेलों जिसमें बरनाला की जिला जेल और पट्टी की सब जेल को पूरी तरह से खाली करवाया है। 

उन्होंने बताया कि बरनाला जिला जेल में अब तक बंद 303 कैदी बैंड थे और उसमें से 203 कैदियों को जिला जेल बठिंडा और 100 कैदियों को नई नाभा जेल में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्देश दिए थे कि जिन कैदियों को 7 साल से कम सजा हुई है उन सभी जिलों की जेलों में रहने वाले कैदीयों को जेल सुपरिंटेंडेंट पैरोल भी दे सकता है और जो कैदी 7 साल से ज्यादा की सजा वाले कैदी है उन्हें जिला के कलेक्टर पैरोल दे सकते हैं। 

बलबीर ने बताया कि बरनाला की जिला जेल में से 67 ऐसे कैदी है जिन को 42 दिन की पैरोल दी गई है और 6 ऐसे कैदी है जो पहले से ही पैरोल पर चल रहे थे और अब उनकी पैरोल को आगे 42 दिन तक बढ़ा दीया गया है। बलबीर ने कहा कि माझा, दोआबा के नए आने वाले कैदियों को सब जेल पट्टी में रखा जाएगा और मालवा के आने वाले नए कैदियों को जिला जेल बरनाला में पूरी जांच के बाद रखा जाएगा।

उन्होंने बताया कि कैदीयों के जेल में आने से पहले डॉक्टरों की एक टीम द्वारा पूरे तरीके से जांच की जाएगी और जेल के बाहर ही कैदी की कोरोना जांच के लिए एक कैम्प लगाया जाएगा जहां सभी की जांच की जाएगी और डॉक्टरों द्वारा मुआयना किया जायेगा की कहीं किसी को भी कोरोना संक्रमण का हल्का सा भी कोई लक्षण तो नही है अगर किसी भी नए कैदी में ज़रा सा भी कोई लक्षण मिलता है तो उसे तुरंत सरकारी अस्पताल में इलाज और एडवांस जांच के लिए भर्ती होने भेजा जाएगा। कैदियों को इस तरह स्थानांतरित करके कोरोना के प्रोकोप से जेलों में बंद कैदियों को बचाने का प्रयास कर रही है सरकार।

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Published April 17th, 2020 at 10:24 IST

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