Updated October 10th, 2018 at 14:11 IST
विवेक तिवारी हत्याकांड में नया मोड़ - सिपाहिओं की बाइक से टकराई ही नहीं थी SUV
एसआईटी की टीम ने लखनऊ स्थित एपल कंपनी के ऑफ़िस से घटना से पहले मोबाइल फोन लांचिंग की नाइट पार्टी की फुटेज ली है.
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यूपी की राजधानी लखनऊ के चर्चित विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में नया मोड़ आ गया है. पुलिस की मोटर ट्रांसपोर्ट विभाग ने दावा किया है कि विवेक तिवारी की कार सिपाहियों की बाइक के टकराई ही नहीं थी. जबकि हत्यारोपित सिपाही प्रशांत चौधरी ने अपने बयान में कहा था कि विवेक तिवारी ने तीन बार उसकी बाइक पर कार चढ़ाने का प्रयास किया, जिस पर बाइक टक्कर लगने से सड़क पर गिर गई और आत्मरक्षा में गोली चला दी. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि विवेक ने सिपाही पर कार चढ़ाने की कोशिश नहीं की तो आखिर उसने गोली क्यों चलाई ? हालांकि एसाआईटी जांच में कर रहे अफसरों का कहना है कि विवेक तिवारी की कार से बाइक में टक्कर लगी थी, तभी उनकी बाइक सड़क पर गिरी.
ट्रांसपोर्ट विभाग की टीम ने कहा बाइक में मामूली टक्कर हुई होती तो भी एसयूवी का बायां हिस्सा क्षतिग्रस्त होता , लेकिन एसयूवी के बायें हिस्से में कोई नुकसान नहीं हुआ है. इसके उलट बाइक के दांए तरफ का हैंडल टूट कर निकल गया और बाएं तरफ भी काफी डैमेंज हुआ है. ऐसा किसी भीषण एक्सीडेंट में ही हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना को लेकर एसआइटी जांच टीम में शामिल पुलिस अफसरों का कहना है कि घटनास्थल पर अब तक ऐसी कोई सीसीटीवी कैमरे की फुटेज नहीं मिली है, जिससे विवेक तिवारी की कार से सिपाहियों की बाइक में टक्कर लगते हुए दिख रहा हो.
नाइट पार्टी की फुटेज की जांच शुरु
वहीं एसआईटी की टीम ने लखनऊ स्थित एपल कंपनी के ऑफ़िस से घटना से पहले मोबाइल फोन लांचिंग की नाइट पार्टी की फुटेज ली है. एसआइटी की जांच टीम के सदस्यों ने विवेक तिवारी के ऑफ़िस में छानबीन की. नाइट पार्टी में शामिल लोगों का बयान भी दर्ज किए गए हैं.
साथ ही जांच कर रही एसाआईटी की टीम उस रात के फुटेज से मिलान किया करेंगे कि विवेक तिवारी सना के साथ पार्टी में कितनी देर मौजूद रहे, उसे ऑफिस से लेकर कितने बजे निकले. पार्टी में कौन कौन लोग मौजूद थे.
सिपाहियों के विरोध पर सख्त कदम उठाने की तैयारी
विवेक तिवारी हत्याकांड के बदा सोशल मीडिया पर फिर मुखर हो रहे विरोध के स्वर फिर पुलिस - प्रशासन की चुनौती बढ़ा सकते हैं लेकिन , राज्य सरकार इस बार पहले से ही तैयार है. वायरल संदेशों पर कड़ी नजर रखे जाने के साथ ही बागियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली गई है.
बता दें सोशल मीडिया पुलिसकर्मियों को 10 अक्टूर को ड्यूटी पर रहते हुए काम का बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए उकसाया जा रहा है. खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विरोध के स्वर तेज से मुखर होने की बात कही जा रही है.
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Published October 10th, 2018 at 14:11 IST
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