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Updated April 25th, 2020 at 21:21 IST

सेना तक पहुंच सकेगा जरूरी सामान, BRO टीम ने हटाई बर्फ़, खुला रोहतांग पास

इस साल कई दशक में सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई बावजूद इसके BRO Team ने कड़ी मेहनत से इसे जल्दी खोल दिया है.

Reported by: Anju Nirwan
| Image:self
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हिमाचल प्रदेश और लद्दाख को जोड़ने वाला रोहतांग पास खुल गया है. इस साल कई दशक में सबसे ज्यादा बर्फबारी हुई बावजूद इसके BRO Team ने कड़ी मेहनत से इसे जल्दी खोल दिया है. 

पिछले साल रोहतांग पास (दर्रा) 18 मई को खुल पाया था. लेकिन इस बार इसे अप्रैल के महीने में ही खोल दिया गया है. शनिवार को जरूरी सामान की सप्लाई के साथ और 150 किसानों को लेकर पहला काफिला इस दर्रे से लाहौल वैली के लिए गुजरा. इस तरह इस साल इस दर्रे की ऑफिशियल ओपनिंग हो गई. लगातार एवलांच के खतरे के बीच भी बीआरओ की टीम काम करती रही. फरवरी से ही यहां बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया था.

बीआरओ के जवान दो महीने से दर्रे से बर्फ हटाने का काम दिन रात कर रहे थे. रोहतांग दर्रा खुल जाने से सिविल आबादी को तो राहत मिलेगी ही साथ ही इंडियन आर्मी भी तेजी से लद्दाख और सियाचिन तक सामान पहुंचा सकने में सक्षम होगी. आर्मी को जाड़ों के लिए राशन सहित जरूरी सामान स्टॉक करना पड़ता है क्योंकि जाड़ों में 6-7 महीने ये एरिया एकदम कट जाता है.

लद्दाख तक पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं. श्रीनगर से लेह पहुंचा जा सकता है. इसके लिए जोजिला पास से गुजरना पड़ता है. यह दूरी 475 किलोमीटर की है. लेह तक पहुंचने का दूसरा रास्ता रोहतांग पास से होकर जाता है. यह मनाली को लेह से जोड़ता है. 
मनाली को लेह से जोड़ना वाले 13,500 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा खुलने से हिमाचल के लौहाल-स्पीति के लोगों को भी राहत मिलेगी. जोजिला पास को भी बीआरओ ने कड़ी मेहनत के बाद कुछ दिन पहले ही खोला है.

13,500 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रे से स्नो क्लीयरेंस ऑपरेशन हर साल किया जाता है. यह दर्रा लगभग छह महीने तक बर्फ से घिरा रहता है यानी मध्य नवंबर से मध्य मई तक ये इलाका पूरी तरह से बर्फ की चादर से ढका रहता है जिसके कारण लाहौल और स्पीति जिला देश के बाकी हिस्सों से अलग रहता है.

COVID 19 की वजह से हुई मेडिकल इमरजेंसी को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के कृषि और आदिवासी विकास और सचिव खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री ने डीजी बॉर्डर रोड्स से संपर्क किया था. जिसमें किसानों को लौटने और आवश्यक आपूर्ति और राहत सामग्री की आवाजाही शुरू करने के लिए डीजी बॉर्डर रोड्स से बातचीत की थी. इसी के मद्देनजर BRO की टीम लाहौल घाटी के निवासियों को राहत प्रदान करने के लिए और COVID-19 की सभी सावधानियों का ध्यान रखते हुए बर्फ निकासी का काम दिन रात करती रही.

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Published April 25th, 2020 at 20:33 IST

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