Updated April 24th, 2024 at 14:28 IST
मुरादाबाद, मेरठ से कन्नौज तक... सपा सुप्रीमो अखिलेश ने टिकट बंटवारे में 'पलटीमार' का बनाया रिकॉर्ड
कन्नौज से अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं। इस स्थिति में तेज प्रताप यादव का टिकट कटना निश्चित है। हालांकि सपा में पहले भी कुछ सीटों पर उम्मीदवार बदल चुकी है।
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Samajwadi Party: लोकसभा चुनाव के लिए टिकट बांटने में समाजवादी पार्टी बहुत ही कंफ्यूज दिखी है। नतीजन बार-बार प्रत्याशियों को बदलने का सिलसिला अभी तक बना हुआ है। इसी क्रम में चर्चा है कि कन्नौज से समाजवादी पार्टी नया उम्मीदवार उतार सकती है, जो खुद अखिलेश यादव होंगे। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अभी तक खुद चुनावी मैदान से दूर खड़े हैं। पत्नी डिंपल यादव हों या चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव के अलावा तेज प्रताप यादव, आदित्य यादव और अक्षय यादव हों, परिवार के 5 सदस्यों को अखिलेश यादव मैदान में उतार चुके हैं। फिलहाल पुष्टि तो नहीं है, लेकिन इन चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि कन्नौज से तेज प्रताप यादव का पत्ता कट सकता है और उनकी जगह खुद अखिलेश दांव खेल सकते हैं।
कन्नौज सीट से पिछले दिनों अखिलेश यादव ने भतीजे तेज प्रताप यादव को टिकट दिया था, जो लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। 2014 में तेज प्रताप अपना प्रदर्शन दिखा भी चुके हैं, जब वो मैनपुरी से चुनकर आए। उसी भरोसे के साथ अखिलेश ने तेज प्रताप यादव को टिकट दिया होगा। खैर, अब चर्चाएं इस बात की हैं कि कन्नौज सीट से अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ सकते हैं। इन चर्चाओं को बल तब और मिला, जब सपा के कन्नौज जिलाध्यक्ष ने इसके संकेत दिए। ऐसा हुआ भी तो ये तय है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव टिकट बंटवारे में 'पलटीमार' एक रिकॉर्ड बना जाएंगे। वो इसलिए कि दर्जनों सीटों पर पहले ही प्रत्याशियों बदला जा चुका है।
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सपा ने कहां-कहां प्रत्याशी बदले?
बदायूं: धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर पहले समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव को बदायूं से उतारा था। बाद में शिवपाल पीछे हट गए तो उनके बेटे आदित्य यादव को पार्टी ने चुनाव में खड़ा कर दिया।
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सुल्तानपुर: सपा ने अपना उम्मीदवार बदलते हुए राम भुआल निषाद को टिकट दिया है। उसके पहले पार्टी ने भीम निषाद को मैदान में खड़ा किया था।
बागपत: समाजवादी पार्टी ने अब बागपत से भी प्रत्याशी बदल दिया है। पहले यहां से सपा ने मनोज चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया था और फिर उनका नाम हटाकर पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को टिकट दे दिया है।
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मेरठ: अखिलेश यादव ने शुरुआत में भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया था। बाद में उनका भी टिकट कटा और प्रत्याशी बदलते हुए सपा ने यहां से अतुल प्रधान को उतार दिया। अतुल प्रधान मेरठ के सरधना से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। इधर, मेरठ शहर से विधायक रफीक अंसारी ने नामांकन पत्र खरीद लिया है। इससे मेरठ में भी रामपुर और मुरादाबाद जैसी असमंजस भरी स्थिति पैदा हो गई है।
नोएडा: समाजवादी पार्टी के भीतर नोएडा सीट को लेकर भी कंफ्यूजन दिखी है। पार्टी ने शुरुआत में राहुल अवाना को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया। हालांकि बाद में राहुल अवाना को हटाकर सपा ने महेंद्र नागर को चुनाव मैदान में उतार दिया। अब महेंद्र नागर ही सपा से कैंडिडेट हैं।
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मिश्रिख: इस सीट पर भी कुछ कंफ्यूजन वाला हाल दिखा। सपा ने इस सीट पर रामपाल राजवंशी को टिकट दिया था। बाद में उनका टिकट कटा और बेटे मनोज राजवंशी मिल गया। तीसरी बाद प्रत्याशी बदलते हुए समाजवादी पार्टी ने यहां से मनोज राजवंशी की पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट दे दिया।
रामपुर: समाजवादी पार्टी के नेता और आजम खान के करीबी आसिम रजा चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे। वो 2022 में रामपुर से लोकसभा उपचुनाव लड़ चुके थे। हालांकि सपा ने बाद में यहां से मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी को उतार दिया। उससे नाराज आसिम रजा भी अपना पर्चा भर आए। अब मोहिबुल्ला को ही सपा का अधिकृत प्रत्याशी माना गया है।
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मुरादाबाद: समाजवादी पार्टी ने अपनी लिस्ट जारी करके पहले दिग्गज नेता एसटी हसन को टिकट दिया था। घटनाक्रम ऐसा बदला कि सपा ने नई लिस्ट में रुचि वीरा को मैदान में उतार दिया। खूब हंगामा मचा, क्योंकि एसटी हसन नामांकन दाखिल कर चुके थे। उधर, रुचि वीरा भी पर्चा भर आई थीं। एसटी हसन के बयानों से उनकी नाराजगी साफ झलक रही थी। हालांकि बाद में उन्हें पीछे हटना पड़ा। अभी यहां से सपा की प्रत्याशी रुचि वीरा हैं।
बिजनौर: समाजवादी पार्टी ने यहां से पहले यशवीर सिंह को टिकट दिया था। हालांकि जब एक और लिस्ट आई तो यशवीर सिंह की जगह दीपक सैनी को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
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अखिलेश ने परिवार में किसे-किसे टिकट दिया?
बदायूं सीट से अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव पहले ही हट चुके हैं। जब बदायूं से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था, जो निराशा की खबरें तभी आने लगी थीं। खैर अब तक 5 सदस्यों को अखिलेश यादव ने 2024 के चुनावी अखाड़े में लाइन से खड़ा कर दिया है। मुलायम परिवार का कौन-सा सदस्य कहां से चुनाव लड़ रहा है?
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मैनपुरी: अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव
आजमगढ़: अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव
बदायूं: अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव
फिरोजाबाद: रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव
कन्नौज: अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव
बीजेपी क्या कहती है?
अखिलेश यादव की तरफ से परिवार के सदस्यों को टिकट बांटने पर बीजेपी कटाक्ष कर रही है। बीजेपी प्रत्याशी जयवीर सिंह कहते हैं- 'आशंका सही साबित हुई है। पीडीए का मतलब परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ सैफई। परिवार में ही तीसरी पीढ़ी प्रवेश कर रही है। इसका मतलब साफ है कि परिवार से कुछ बचना नहीं है।'
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Published April 24th, 2024 at 13:06 IST
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