Updated May 14th, 2019 at 18:17 IST
EXCLUSIVE: R भारत पर स्वामी असीमानंद का बड़ा खुलासा, कहा- 'वोट की खातिर कांग्रेस ने गढ़ी हिंदू आतंकवाद की थ्योरी'
समझौता मामले की जांच के दौरान उनके और उनके परिवार पर हुए 'अत्याचार' के बारे में बताते हुए स्वामी असीमानंद ने कहा कि उनकी माँ उनकी गिरफ्तारी और उनके द्वारा की गई यातना के कारण परेशान थीं।
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समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में बरी होने के बाद स्वामी असीमानंद ने अपने पहले साक्षात्कार में कई विषयों पर रिपब्लिक टीवी से बात की। 20 मार्च को एक विशेष अदालत ने स्वामी असीमानंद और तीन अन्य को समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में बरी कर दिया, जिसमें 68 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे।
समझौता मामले की जांच के दौरान उनके और उनके परिवार पर हुए 'अत्याचार' के बारे में बताते हुए स्वामी असीमानंद ने कहा कि उनकी माँ उनकी गिरफ्तारी और उनके द्वारा की गई यातना के कारण परेशान थीं।
समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में बरी होने के बाद खुशी जातते हुए असीमानंद ने कहा कि मुझे जब पकड़ा गया तो मेरे ऊपर आरोप लगाए गए, लेकिन मैंने कहा कि मैं निर्दोष हूं। लेकिन उस समय कोई मेरा विश्वास नहीं करता। आज मैं कोर्ट के फैसले के बाद बोल सकता हूं कि मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। इसलिए मैंने इतना लंबा इंतजार किया था और मुझे न्यायतंत्र पर विश्वास था कि एक ना एक दिन सच बाहर आएगा ही। जिसके बाद मैं आप सबको सच बताऊंगा। हिंदू को आतंकवाद से जोड़ गया, जबकि हिंदू पूरे देश को अपना परिवार मानता है।
उन्होंने आगे कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा कि उनकी तरफ से ऐसे बयान आए थे कि हिंदू भी आतंकवादी होता है, ये बात उन्होंने इसलिए की थी कि उससे पहले जितने भी बम ब्लास्ट होते थे, सभी में अल्पसंख्यक पकड़ा जाता था और कांग्रेस पार्टी ने ऐसा लगा कि अल्पसंख्यक सुमदाय हमसे नाराज होगा, तो उनको खुश करने के लिए हिंदू आतंकवाद का थ्योरी बनाया और इस थ्योरी में हम जैसे लोगों को फंसाया। इन आरोपों के जरिए हिंदू समाज को, हिंदुस्तान को पूरी दुनिया में बदनाम करने की कोशिश की गई। उसी वक्त से मैं इंतजार कर रहा था कि कांग्रेस की ये साजिश सभी के सामने आ जाएगी और कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति के चलते हिंदू आतंकवाद की बात, क्योंकि उन्हें पता है कि अल्पसंख्यक सुमदाय का वोटबैंक उनके हाथ मे हैं।
जब उनसे संत बनाने की पीछे की वजह जाननी चाही तो असीमानंद ने कहा कि मैं समाज के सेवा करने के लिए भगवा चोला पहना। मैं अंजमान में रहा, बंगाल के पुरूलिया जिले में रहा, छत्तीसगढ़ में रहा।
असीमानंद से ब्लास्ट के समय उनकी लोकेशन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं उस वक्त गुजरात के डांग जिले में जनजातीय के बीच में रहकर उनकी सेवा कर रहा था। जिससे वहां के जनजातीय समाज को ईसाई धर्म में बदलने की साजिश चल रही थी वो बंद हो गई थी।
असीमानंद ने आगे अजमेर ब्लास्ट में अपना नाम आने पर हैरानी जताते हुए कहा कि मैंन टीवी में देखा कि पुलिस मुझे ढूंढ रही है, मेरी तो समझ नहीं आया कि वो मुझे क्यों ढूंढ रहे हैं। क्योंकि ना ही मेरे खिलाफ कोर्ट का कोई आदेश था और ना ही कोई एफआईआर भी नहीं थी। लेकिन मैं जानना चाहता था कि आखिर मुझे पुलिस क्यों झूंडा रही है। इस दौरान मैं अपना रोजमर्रा का काम सामान्य रूप से करता था और साथ में मोबाईल भी रखता था। मैंने कहीं भाग नहीं, जब पुलिस ने मुझे ढूंढ लिया तो तब मैंने अपने ऊपर लगे आरोप के बारे में जनाना चाहा तो उन्होंने हैदराबाद मक्का मस्जिद, अजमेर ब्लास्ट, समझौता ब्लास्ट केस बारे में बताया। तब मुझे समझ आ गया कि इस तुष्टिकरण का सबसे घिनौना षड्यंत्र है।
उन्होंने आगे जांच एजेसियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने सोच लिया था कि वो कितना भी मुझे परेशान करें लेकिन मैं उनकी बात नहीं मानूंगा। जिसके बाद उन्होंने मेरे परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया। पहले वो मेरे भाई को भी लेकर आए थे और जब उससे बात नहीं बनी तो वो मेरी मां को लाने की तैयारी होने लगी तो मैं टूट गया।
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Published May 14th, 2019 at 18:17 IST