Updated April 24th, 2024 at 07:04 IST
Ganesh Mantra: हर परेशानी को दूर करेंगे गणेश जी के ये चमत्कारी मंत्र, पूजा के दौरान जरूर करें जाप
Ganesh Mantra: अगर आप भगवान गणेश की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको बुधवार के दिन गणेश पूजने के समय इन विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- धर्म और अध्यात्म
- 2 मिनट रीड
Advertisement
Ganesh Mantra: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है। जिसके अनुसार बुधवार के दिन भगवान गणेश (Ganesh ji) की पूजा किए जाने का विधान है। माना जाता है कि बुधवार के दिन श्रद्धाभाव से गणेश जी की पूजा करने पर भगवान भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
वहीं, शास्त्रों में भी गणेश जी को विशेष स्थान प्राप्त है। जिसके तहत किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा किए जाना अति शुभ माना जाता है। वैसे तो गणेश जी भक्त द्वारा पूजा पाठ किए जाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन अगर पूजा के दौरान भक्त गणेश जी के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करते हैं तो विघ्नहर्ता भक्त के सभी दुखों का नाश कर उनके जीवन को खुशहाली से भर देते हैं। तो चलिए जान लेते हैं कि आप भगवान गणेश की पूजा के दौरान किन विशेष मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
Advertisement
गणेश पूजन के दौरान करें इन मंत्रों का जाप (Ganesh ji ke mantra)
गणेश जी के आसान मंत्र
Advertisement
ऊँ गं गणपतये नमो नमः।
ॐ गं गणपतये नमः।।
Advertisement
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥
Advertisement
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्॥
गणेश मंत्र के लाभ मंत्र
Advertisement
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
सिद्धि के लिए मंत्र
Advertisement
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
आर्थिक तंगी दूर करेंगे ये मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
Advertisement
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
Advertisement
करियर के लिए मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
Advertisement
शुभ कार्यों के लिए गणेश मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।
Advertisement
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः।
Advertisement
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित्।
Advertisement
ऋणहर्ता श्री गणपति मंत्र
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा।”
Advertisement
ये भी पढ़ें: Aaj Ka Rashifal: आज का दिन इन राशियों के लिए रहेगा शानदार, पढ़ें राशिफल
Advertisement
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published April 24th, 2024 at 07:04 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।