Updated May 5th, 2024 at 13:10 IST
राष्ट्रपति बाइडेन के जेनोफोबिक वाले बयान पर एस जयशंकर का करारा जवाब, बोले- इतिहास में भारत...
अमेरिकी राष्ट्रपति के जो बाइडेन ने भारत समेत 4 देशों को जेनोफोबिक बताया। भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर ने इसपर करारा जवाब दिया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति के जो बाइडेन ने अमेरिका में अपने चुनावी रैली के दौरान एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए भारत और जापान समेत 4 देशों को जेनोफोबिक बताया। भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर ने इसपर करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जशंकर ने कहा कि दुनिया के इतिहास में, भारत एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला रहा है।
एक मीडिया इंटरव्यू में जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "भारत हमेशा से एक बहुत ही अनोखा देश रहा है। मैं वास्तव में कहूंगा, दुनिया के इतिहास में, यह एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला रहा है। विभिन्न समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं।"
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एस जयशंकर ने कहा, "यही कारण है कि हमारे पास सीएए है, जो मुसीबत में फंसे लोगों के लिए दरवाजे खोलने के लिए है… मुझे लगता है कि हमें उन लोगों के लिए खुले रहना चाहिए जिन्हें भारत आने की जरूरत है, जिनके पास भारत आने का दावा है भारत आओ।"
भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही- एस जयशंकर
राष्ट्रपति बाइडेन ने ये भी आरोप लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है। भारत के विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के दावों को साफ तौर पर खारिज कर दिया और कहा कि सबसे पहले, हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत जापान अन्य देशों के लिए कहा था कि इन देशों की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है, क्योंकि ये प्रवासियों का स्वागत नहीं करते हैं।
भारत, जापान, चीन और रूस को भारत ने बताया जेनोफोबिक
आगामी चुनाव को लेकर अमेरिकाी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, "यह चुनाव आजादी, अमेरिका और लोकतंत्र के बारे में है। इसलिए मुझे आपकी सख्त जरूरत है। आप जानते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ने का एक कारण आपकी और कई अन्य लोगों की वजह से है। क्यों? क्योंकि हम अप्रवासियों का स्वागत करते हैं।"
जो बाइडन ने कहा, "चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह ठहर सा क्यों रहा है? जापान को क्यों परेशानी हो रही है? रूस क्यों है? भारत क्यों है? क्योंकि वे विदेशियों का स्वागत नहीं करते हैं। वे अप्रवासियों को नहीं चाहते।" राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि अप्रवासी ही हमें मजबूत बनाते हैं। कोई मजाक नहीं। यह अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि हमारे पास ऐसे कार्यकर्ताओं की आमद है जो यहां रहना चाहते हैं और योगदान देना चाहते हैं।
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Published May 5th, 2024 at 13:10 IST
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